त्यौहारों पर बढी यात्रियों की संख्या ,ट्रेनों में भीड अपार ऐसी कोई ट्रेन नहीं जिसमें वेटिंग न हो -दो सप्ताह से पहले कंफर्म टिकिट मिलने की परेशानी, न नियमित टिकट न स्पेशल ट्रेन में जगह

उज्जैन। त्यौहारों के माह में जमकर यात्री रेल में यात्रा के लिए उमड रहे हैं। त्यौहारों पर यात्रियों की संख्या बेहिसाब बढ रही है। ट्रेनों में सामान्य कोच में जगह नहीं है अपार भीड उमड रही है। ऐसी एक भी लंबी दूरी की ट्रेन नहीं है जिसमें लंबी प्रतिक्षा सूची न हो। रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए कोच बढा रहा है और तमाम जतन किए जा रहे हैं उसके बाद भी वेटिंग सूची कम होने का नाम नहीं ले रही है।

रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहनों को मायके या भाइयों को अपनी बहन के घर जाने या अन्य शहरों में काम कर रहे लोगों को घर आने के लिए ट्रेनों में मशक्कत करना पड़ सकती है। ज्यादा खर्च कर बसों में परेशानी वाले सफर को चुनना पड़ सकता है। इसका कारण है ट्रेनों में लंबी वेटिंग। रक्षा बंधन के साथ ही आने वाले त्यौहारों को लेकर ट्रेनों में आरक्षित श्रेणी में कंफर्म टिकट के लिए लंबी प्रतिक्षा सूची चल रही है। ये प्रतिक्षा सूची लगभग दो सप्ताह आगे तक की सामने आ रही है। नियमित ट्रेन तो दूर की बात, जो स्पेशल ट्रेने शुरू की है, उनमें भी आरक्षण के लिए परेशानी आ रही है। पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल से चलने वाली अधिकांश ट्रेनों में यही हाल हैं। जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा बताते हैं कि बुधवार से आगामी दो सप्ताह तक तकरीबन सभी ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति बनी हुई है। पर्व के दौरान ट्रेन टिकट समय पर जो नहीं ले पाते, बाद में उनको प्रतीक्षा सूची का टिकट मिलता है। अधिक प्रतीक्षा सूची होने पर अतिरिक्त कोच लगाकर प्रतीक्षा सूची के टिकट कंफर्म करने का पूरा प्रयास किया जाता है। इसके अलावा रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाने की सूचना भी समय-समय पर जारी करती है।

स्लीपर बसों में किराया अधिक-

ट्रेनों में आरक्षण की स्थिति को देखते हुए यात्रियों के पास दुसरा विकल्प बसें ही हैं। स्लीपर बसों में भी इन स्थितियों को देखते हुए अवसर का लाभ अर्जित करने की स्थिति बनी हुई है। किराए में वक्त के मान से वृद्धि कर दी गई है और उसी अनुसार बुकिंग ली जा रही है। त्यौहार के करीब की बुकिंग में 25-30 प्रतिशत तक अधिक राशि के साथ यह बुकिंग की जा रही है। बसों का किराया यात्रियों को वैसे ही ट्रेन के किराए से महंगा रहता है ऐसे में यात्रियों की जेब हल्की हो रही है।

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